नमस्कार, सभी को इस पर निबंध लेखन गणतन्त्र दिवस के बारे मे लिखा गया है।
आर्टिकल के बिच में बोहोत सारे निबंध लेखन, क्लास १० हिंदी के टेक्स्टबुक(textbook) और लेसन नोट्स(Notes) भी प्राप्त कर पाएंगे।
गणतन्त्र दिवस निबंध लेखन
हमारा देश शताब्दियों तक अंग्रेजों की गुलामी सहन करता रहा। लेकिन अंग्रेजों के द्वारा भारतीयों पर अत्याचार निरन्तर बढ़ रहे थे। भारत की जनता अंग्रेजों के अत्याचार से त्रस्त होकर अंग्रेजों का विरोध करने लगी थी, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी स्वतन्त्रता प्रिय होती है।
अत: समस्त भारतवासियों ने स्वतन्त्रता के लिए निरन्तर संघर्ष किया। उस समय स्वतन्त्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधी. पण्डित नेहरू, मदन मोहन मालवीय, लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद तथा भगत सिंह अदि ने स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए निरन्तर संघर्ष किया।
इसके पश्चात 15 अगस्त, सन् 1947 ई० को समस्त भारतवासी ने खुली हवा में साँस ली। अब स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात हमारे देश के लिए नया वातावरण था। अत: 26 जनवरी सन् 1950 ई0 को भारत का नवीन संविधान लागू किया गया। हमारे संविधान का निर्माण करने में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का विशेष योगदान है।
26 जनवरी को गणतन्त्र के दिवस के नाम से अभिहित किया. क्योंकि इसी दिन भारत में गणराज्य की स्थापना हुई। अतः 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, कारखाने, सार्वजनिक स्थानों पर अवकाश रहता है।
इसके अतिरिक्त गणतन्त्र दिवस के समारोह का आयोजन किया जाता है। गणतन्त्र दिवस का प्रमुख समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में होता है। दिल्ली में इस आयोजन को देखने के लिए लाखों दर्शक लाल किले जाते हैं।
परेड के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। यातायात में भी विशेष परिवर्तन किया जाता है। इस परेड में जल सेना, स्थल सेना तथा वायु सेना तीनों अंगों का सुन्दर प्रदर्शन होता है। सबसे पहले हमारे देश के राष्ट्रपति अपनी सवारी द्वारा परेड ग्राउण्ड तक पहुँचते हैं। इसके बाद मंच पर पहुँचकर ध्वजा रोहण करके झण्डे को सलामी देते हैं।
इसके बाद राष्ट्रीय गान का सस्वर गायन होता है। उन्हें 31 तोपों द्वारा सलामी दी जाती है। इसके बाद देश के लिए जिन वीरों ने त्याग किया अथवा वीरतापूर्ण कार्य किये, उन लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। सैनिकों का मार्च पास्ट देखने योग्य होता है। इस परेड में सैनिक दल व एन.सी.सी के छात्र एवं छात्राएँ भाग लेते हैं।
इसके बाद विभिन्न प्रान्तों से आये कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। वास्तव में 26 जनवरी की झाँकियाँ देखने योग्य हैं। स्थान-स्थान पर लोग मिठाइयाँ बाँटते हैं। रात्रि में राजमार्गों तथा बाजारों में प्रकाश किया जाता है। स्थान-स्थान पर देशभक्ति के रिकार्ड लगाकर हम स्वतन्त्रता की याद को ताजा करते हैं।
प्रत्येक . भारतवासी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए। हमारे हृदय में एकता व भाईचारे की भावना रहनी चाहिए, यही हमारे राष्ट्र का सन्देश है।