समाचार पत्र निबंध लेखन
नमस्कार, सभी को इस पर निबंध लेखन समाचार-पत्र के बारे मे लिखा गया है।
आर्टिकल के बिच में बोहोत सारे निबंध लेखन, क्लास १० हिंदी के टेक्स्टबुक(textbook) और लेसन नोट्स(Notes) भी प्राप्त कर पाएंगे।
आज का युग वैज्ञानिक युग है। वैज्ञानिक प्रगति के साथ मानव ने प्रत्येक क्षेत्र में अत्यधिक उन्नति कर ली है।
परन्तु मानव की आवश्यकताएँ निरंतर बढ़ रही है, क्योंकि मानव युग की मांग के अनुरूप विकास करना चाहता है।
समाचार-पत्र मानव जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है। यूँ तो व्यक्ति टी.वी. अथवा रेडियो पर देशविदेश के समाचार सुन लेता है परन्तु समाचार-पत्र का अपना महत्त्व है।
मनुष्य को प्रात:काल बेड-टी के साथ समाचार की आवश्यकता होती है, क्योंकि प्रातः उठते ही नित्यकर्म की भाँति व्यक्ति का ध्यान समाचार-पत्र पर केन्द्रित हो जाता है।
जो लोग समाचार-पत्र पढ़ने के आदी होते हैं उन्हें यदि एक दिन भी समाचार-पत्र पढ़ने को न मिले, तो वे बेचैनी का अनुभव करने लगते हैं।
समाचार-पत्र के द्वारा मानव सम्पूर्ण संसार में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर लेता है।
पुराने जमाने में छपाई की कला का विकास नहीं हुआ था। इसी कारण समाचार-पत्र नहीं प्रकाशित होते थे।
सबसे पहले मुद्रण यंत्रों का आविष्कार हुआ। सबसे पहले समाचार-पत्र इंग्लैण्ड से प्रकाशित हुआ।
इसके पश्चात 18 वीं शताब्दी में अंग्रेज भारत आये। उसके पश्चात सबसे पहले ‘इण्डियन गजट’ अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ।
कुछ दिनों बाद ईसाइयों का समाचार-पत्र प्रकाशित हुआ। इसके पश्चात राजा राजमोहन राय. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर एवं प्रभाकर ने समाचार-पत्र निकाले।
आज तो अनेक प्रकार के समाचार-पत्र विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो रहे हैं तथा लाखों व्यक्तियों की जीविका का साधन भी बन गये हैं।
समाचार-पत्र वास्तव में ज्ञान-प्राप्ति का सबसे सरल. सस्ता और महत्त्वपूर्ण साधन है। इसके द्वारा घर बैठे देश-विदेश की जानकारी के अतिरिक्त मनोरंजन भी हो जाता है।
आजकल समाचार-पत्र दिन भर में दो बार छपते हैं। कुछ समाचार-पत्र सुबह प्रकाशित होते है, तो कुछ केवल संध्या को। कछ समाचार-पत्र दोनों समय प्रकाशित होते हैं।
आधुनिक युग में समाचार-पत्रों की भरमार है। कुछ प्रसिद्ध समाचार-पत्रों के नाम इस प्रकार हैं-अमर उजाला. दैनिक जागरण, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स, कसरा, राष्ट्रीय सहारा. वीर अर्जन, राजस्थान पत्रिका व जनसत्ता।
इसके अतिरिक्त अनेक पत्रिकाएं भी प्रकाशित होती हैं। समाचार-पत्रों द्वारा लोग अपनी बौद्धिक क्षमता की वृद्धि करते हैं।
समाचार-पत्रों द्वारा बाल साहित्य, कला, संस्कृति एवं ज्ञान प्रसार किया जाता है। पाठकगण समाचार-पत्र का भरपूर लाभ रिक्तियों तथा चित्रपट आदि के विज्ञापन के लिए प्रयोग करते हैं।
कभी-कभी कुछ समाचार-पत्र झूठी अफवाहें प्रकाशित करते हैं। इसके द्वारा जनता भ्रमित होती है।
ऐसे समाचार-पत्र समाज में विद्रोह की अग्नि धधकाने का कार्य करते हैं। कुछ लोग दूषित व अश्लील विज्ञापन प्रकाशित करके जनता की मनोवृत्ति कलुषित करते हैं।
इस प्रकार के समाचार-पत्रों पर रोक लगानी चाहिए, क्योंकि ऐसे समाचार-पत्रों का प्रमुख उद्देश्य धन एकत्रित करना है और वातावरण क्षित करना होता है।
समाचार-पत्रों की उपयोगिता रात-दिन बढ़ती जा रही है। अत: समाचार-पत्रों के प्रकाशकों को सटीक व उचित घटनाओं को छापना चाहिए जिससे जनता भ्रमित न हो।
समाचार-पत्र राष्ट्र के सजग प्रहरी हैं। राष्ट्र का उत्थान एवं पतन समाचार-पत्नों पर आधारित है। युद्ध के तथा साम्प्रदायिक विवाद के क्षणों में समाचार-पत्र जनसामान्य को सही दिशा-बोध कराते हैं।
मानव-मानव को तोड़ने के स्थान पर जोड़ने का कार्य करते हैं। अत: समाचार-पत्रों को नैतिक मूल्यों की दृष्टि में रखकर विश्व को एक नवीन दिशा, नवीन चेतना एवं स्वर्णिम भविष्य की राह उजागर करनी चाहिए।