दूरदर्शन के लाभ निबंध लेखन
नमस्कार, सभी को इस पर निबंध लेखन दूरदर्शन के लाभ के बारे मे लिखा गया है।
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आधनिक युग वैज्ञानिक युग है। मानव ने अनेक नवीन आविष्कार किये हैं। टेलीविजन उनमें से एक है।
टेलीविजन शब्द अंग्रेजी की है। दूरदर्शन इसका हिन्दी रूपांतर है। दूर दर्शन इसका अभिप्राय है, दूर की वस्तुओं का दर्शन ।
दर्शक इस यंत्र के द्वारा मीलों दूर की वस्तुओं को सरलता से टी.वी. के पर्दे पर देख लेता है।
12 दिसंबर, सन् 1901 को इटली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने बेतार द्वारा समाचारपत्र भेजने में सफलता प्राप्त की।
इसके पश्चात रेडियो का आविष्कार हआ। रेडियो पर केवल ध्वनि या आवाज सुनी जा सकती थी। वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप स्काटलैंड के इंजीनियर बेयर्ड ने सन् 1926 में एक यंत्र का आविष्कार किया, जो ध्वनि के साथ-साथ चलचित्र भी भेजता था।
इसी यंत्र को दूरदर्शन कहा जाता है। इस यंत्र का सबसे पहले प्रयोग बी.बी.सी. द्वारा हुआ। बेयर्ड के अतिरिक्त एक अन्य वैज्ञानिक ज्योरिकिन भी हुए।
लेकिन बेयर्ड व ज्योरिकिन के सिद्धांतों में पर्याप्त अंतर है। बेयर्ड के अनुसार इस यंत्र में एक घूमने वाली चक्री का प्रयोग किया जाता है, लेकिन ज्योरिकिन की प्रणाली में इलेक्ट्रानिक का प्रयोग होता है।
ज्योरिकिन की यह प्रणाली सफल रही। अतः इस प्रणाली को दूरदर्शन के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।
आज के युग में दृश्य एवं श्रव्य सामग्री का संसप्रेषण एक साथ हो जाता है। इसका सारा श्रेय वैज्ञानिकों को है।
उनके अथक परिश्रम और लगन के पश्चात ही हम टेलीविजन देखने में सफल हुए। प्रारभ में केवल श्वेत व श्याम वर्ण के चित्र देखने को मिलते थे।
लेकिन आज वैज्ञानिकों की प्रगति के द्वारा हम रंगीन चित्रों को व वस्तुओं को हू-ब-हू उस रंग का देखने में सफल हो गए हैं।
आज विज्ञान की प्रगति के साथ-साथ हमारे देश ने भी प्रगति कर ली है। इसी कारण भारत में अनेक दूरदर्शन के केंद्र खुल गए हैं।
इनमें दिल्ली, लखनऊ, अमृतसर, कोलकाता, मुंबई तथा चेन्नई प्रसारण केंद्र प्रमुख हैं। टेलीविजन का प्रयोग मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए किया जा रहा है, क्योंकि टेलीविजन द्वारा शिक्षा देना सरल व मनोरंजक है।
इसी कारण भारत के सभी घरों में टेलीविजन सबका प्रिय बन गया है। बिजली चले जाने पर लोगों में बेचैनी हो जाती है।