समय का सदुपयोग निबंध लेखन || time menegment hindi essay class 10

समय का सदुपयोग निबंध लेखन

नमस्कार, सभी को इस पर निबंध लेखन समय का सदुपयोग के बारे मे लिखा गया है।

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समय बहुत बलवान होता है वह किसी का इन्तजार नहीं करता। बीता हुआ समय कभी भी लौटकर नहीं आता।

यदि हम वक्त के साथ न चलें तो हम हाथ मलते ही रह जाते हैं। समय के साथ न चलने से व्यक्ति का जीवन व्यर्थ ही नष्ट हो जाता है।

समय के साथ चलने वाले व्यक्ति के उन्नति के शिखर को चूमते हैं।

मानव जीवन सनातन नहीं है, उसका एक न एक दिन अन्त होना ही है। कालचक्र सदैव गतिशील रहता है।

जीवन का प्रत्येक पल हमारी आयु को कम करते रहता है। अतः हमें जीवन के प्रत्येक क्षण को मल्य समझना चाहिए।

समय का समचित उपयोग ही जीवन में सफलता की कंजी है। इसलिए महापरुषों ने नियम पर कार्य करने के लिए उपदेश दिये हैं। कबीरदास जी कहते हैं –

“कल करे सो आज करे, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगा, बहुरि करेगो कब।”

समय के सदुपयोग का तात्पर्य उचित समय पर अधिकाधिक उद्देश्यपूर्ण कार्य करना।

हमें समय को व्यर्थ कार्यों तथा गपशप में नहीं व्यतीत करने चाहिए, बल्कि एक-एक क्षण को जीवीकोपार्जन, ज्ञान-प्राप्ति, मनोरंजन, परोपकार, समाज-सेवा, देश-सेवा एवं मानव सेवा आदि शुभ कार्यों में व्यतीत करना ही समय का सद्घयोग है।

इसके विपरीत आलस्य अश्लील साहित्य के पठन-पाठन, गपशप, परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रतिकूल कार्यों में लिप्त रहने से तथा समय के दुरुपयोग से जीवन का पतन हो जाता है तथा समय का सदुपयोग उच्च वैयक्तिक चरित्र का निर्माण करता है।

विद्यार्थी यदि समय रहते अपना अध्ययन सुचारु रूप से नहीं करते, तो वह परीक्षा में असफलता प्राप्त करते हैं तथा जो छात्र विद्याध्ययन में अपना समय व्यतीत करते हैं, वे उच्च अंकों से सफलता प्राप्त करते हैं।

समय का सदुपयोग चरित्रनिर्माण एवं वैयक्तिक विकास में साधक है। साथ ही समय दुरुपयोग व्यक्ति के पतन का उत्तरदायी है।

समय के सदुपयोग से अनेक लाभ हैं। समय के सदुपयोग से व्यक्ति के कार्यो की मात्रा बढ़ जाती है।

इरारो वह अधिक से अधिक धन कमा सकता है तथा अपने परिवार की आवश्यकताओं की पर्ति आसानी से कर सकता है।

” समय के सदुपयोग से व्यक्ति अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र का हित करता है एवं . कल्याण करता है।

अधिक कार्य करने से वह अधिक नाम, यश प्राप्त कर सकता है। परिश्रम करके जीवन में सफलता प्राप्त करता हुआअपने चरित्र एवं जीवन का सार्थक बना सकता है।

ऐसा व्यक्ति हमेशा-सन्तोष से परित रहता है। उसके जीवन में निराशा, असन्तोष, पश्चात्ताप एवं कुण्ठा के लिए न तो समय रहता है न ही वे उस कभी पीडित कर पाते हैं।

दृढ़ता और कर्मठता उसके जीवन का अभिन्न अंग बन जाती है और जीवन के प्रति आस्थावान होकर वह सच्चे अर्थों में मानव बन जाता है।

संसार के सभी महापुरुष समय के महत्त्व को भली-भाँति जानते थे। अत: सभी ने समय का मूल्य जानकर महारत हासिल की है।

भारतवासी समय के महत्त्व को नकार रहे हैं तथा मूल्यवान समय को व्यर्थ ही नष्ट कर देते हैं।

यदि हमें कहीं आठ बजे जाना है, तो वहाँ नौ बजे पहुँचते हैं, इससे स्वयं का तथा अन्य लोगों का कीमती समय बरबाद हो जाता है।

‘इंडियन टाइम्स’ देर से पहुँचना हमारी नियति बन गयी है। विवाहोत्सव हो, कार्यालय या न्यायालय सर्वत्र समय की पाबन्दी की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

समय की बरबादी के कारण हमारे जीवन का विकास रुक जाता है। इस कारण हमारे देश एवं राष्ट्र का विकास नहीं हो पाता।

वास्तव में जो व्यक्ति समय को नष्ट करते हैं, समय उन्हें नष्ट कर देता है। अतः हमें समय के महत्त्व को पहचानना चाहिए।

समय प्रत्येक पल आशावादी सन्देश लेकर व्यक्ति के समक्ष आता है। जो इससे प्रेरणा लेते हैं वे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ जाते हैं।

जो चूक जाते हैं वे पीछे रह जाते हैं और फिर पछताते रह जाते हैं। “समय चकि पनि का पाछिताने।

” जीवन एक दौड़ है, जिसमें एक पल की बरबादी से ही हम इश दौड़ में पिछड़ जाते हैं तथा हार जाते हैं।

समय के साथ दौड़ने से ही हमें लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है। अत: हमें पूरी लगन एवं निष्ठा से कार्य करने से ही सफलता प्राप्त होती है।

समय के मूल्य को पहचानना चाहिए। समय मूल्यवान है इसे व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। किसी ने ठीक ही कहा है”फिर पछताये होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।”

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