नमस्कार, सभी को इस पर निबंध लेखन असम की प्राकृतिक सम्पदा के बारे मे लिखा गया है।
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असम का प्राकृतिक सौंदर्य पर निबंध
असम प्रदेश धनधान्य से युक्त प्रदेश है। असम प्रदेश की प्राकृतिक छटा के कारण वहाँ का सौन्दर्य दर्शनीय है। असम एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। यह पूर्व में स्थित है। इस राज्य पर ईश्वर की तथा प्रकृति की अभूतपूर्व कृपा है, क्योंकि असम के विकास में प्रकति का अपूर्व योगदान है।
इसका प्रमुख कारण है असम की धरती अनेक प्रकार से उपयोगी है। असम के वनों से बहुमूल्य लकड़ी प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त असम की घाटियाँ चाय के बागानों से युक्त हरी-भरी दिखायी देती हैं। असम राज्य में अनेक प्रकार की खनिज सम्पदा प्राप्त होती है, जैसे- कोयला, लोहा और चूना आदि।
असम प्रदेश की सुन्दर.पहाड़ियाँ देखने योग्य हैं। यहाँ पर पहाड़, वन तथा नदियाँ, उपनदियाँ व झीलें भी हैं।
कहीं-कहीं पर मछलियाँ भी दिखायी देती हैं। ये मछलियाँ असंख्य लोगों को जीविका प्रदान करती हैं। असम के लोग मत्स्यपालन में निपुण होते हैं। ये लोग चावल और मछली खाना पसन्द करते हैं। इसके अतिरिक्त असम की धरती पर चाय के सुन्दर-सुन्दर बागान हैं, जहाँ की चाय विश्व भर में भेजी जाती है।
इस प्रकार चाय, धान एवं तेल भी असम की धरती से ही प्राप्त होता है। असम की प्रकृति ने ही असम को सजाया-सँवारा तथा धन-वैभव से यक्त बनाया है। असम की धरती व प्रकृति एक अपूर्व कोश है। उसमें अकृत सम्पदा का भण्डार है, जो कि करोड़ों लोगों को जीविकोपार्जन प्रदान करती है।
असम की प्रकृति सम्पदा के कारण ही भारतवासी विदेशी मुद्रा प्राप्त करते हैं। अतः समस्त भारतवासियों व असमवासियों का कर्तव्य है कि वे असम की इस बहुमूल्य सम्पदा की जी-जान से रक्षा करें। वास्तव में, असम प्रदेश के द्वारा भारत सरकार को आर्थिक लाभ हो रहा है।
अतः प्रत्येक भारतवासी एवं असमवासी का कर्तव्य है कि हम समस्त प्राकृतिक सम्पदाओं को सुरक्षित ढंग से निकालें व अपव्यय न करें, क्योंकि असम के खनिज स्त्रोत धन कमाने का उत्तम जरिया है।
इसके अतिरिक्त वन-सम्पदा को भी उचित ढंग से सँभालकर रखना चाहिए, क्योंकि वन भी आर्थिक सहायता तथा औषधियों का महत्त्वपूर्ण स्थल है।
इसके अतिरिक्त पशुओं का भी उचित प्रकार से संरक्षण करना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय उद्यान एवं चिड़ियाघरों की व्यवस्था की गयी है। गुवाहाटी में बहुत ही सुन्दर चिड़ियाघर है। जहाँ पर अनेक प्रकार के दर्शनीय पशु एवं पक्षी हैं जिनके द्वारा लोगों को विशेषकर बच्चों का मनोरंजन होता है। वास्तव में, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह हमारी प्राकतिक सम्पत्ति की सुरक्षा करे।